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केंद्रीय बजट 2022-2023

  • 2022-2023 का बजट 1 फरवरी 2022 को संसद में पेश किया गया। इस बजट के तहत भारत की आर्थिक विकास दर 9.2 प्रतिशत रखने का अनुमान है यह अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से सबसे अधिक है।
  • पूरे देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है 25 वर्ष की यात्रा के बाद हमारा देश 100 वर्ष पूरे करेगा इस बजट में 75 वर्ष से भारत 100 वर्ष के अमृत काल में अगले 25 वर्ष में अर्थव्यवस्था को दिशा देने की रूपरेखा तैयार की गई है।
  • 2022-23 के बजट के तहत चार प्राथमिकताएं निर्धारित की गई है जिसके तहत विकासात्मक कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। जोकि निम्नलिखित है-
  1. पीएम गति शक्ति
  2. समावेशी विकास
  3. उत्पादकता में वृद्धि एवं निवेश, उदयीमान अवसर, ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु कार्य योजना
  4. निवेश का वित्तपोषण

2022-2023 का बजट यह वीडियो जरूर देखें 👇👇

https://youtu.be/x9bXYZH1Dzg

2021-2022 का बजट यह वीडियो जरूर देखें 👇👇

https://youtu.be/W_TTK_lA0E8

1-पीएम गतिशक्ति

भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए पीएम गतिशक्ति के अंतर्गत 7 मुख्य चीजों को रखा गया है। जिसमें की

  1. सड़क
  2. रेलवे
  3. एयरपोर्ट्स
  4. पतन
  5. सार्वजनिक परिवहन
  6. जलमार्ग और
  7. लॉजिस्टिक अवसंरचना

इन 7 मुख्य चीजों को पीएम गतिशक्ति के साथ जोड़कर पर्याप्त मात्रा में कार्य योजनाएं बनाकर अर्थव्यवस्था को गति देने का प्रयास किया जाएगा। जिसके परिणाम स्वरूप भारी तादाद में नौकरियां पैदा की जा सकती है।

बजट किस प्रकार बनता है, और बजट का इतिहास तथा बजट बनने की संपूर्ण प्रक्रिया यह वीडियो जरूर देखें 👇👇

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सड़क परिवहन

वर्ष 2022-2023 में एक्सप्रेस मार्ग के लिए पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान का प्रतिपादन किया जाएगा ताकि लोगों की उत्पादकता में तेजी लाई जा सके वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 25,000 किलोमीटर जोड़े जाएंगे जिसके लिए 20,000 करोड रुपए का प्रावधान रखा गया।

रेलवे

आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत वर्ष 2022 2023 में 2,000 किलोमीटर के नेटवर्क को विकसित किया जाएगा। अगले 3 वर्ष के दौरान 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत रेल गाड़ी का विकास और विनिर्माण किया जाएगा जोकि यात्रियों के सुखद अनुभव की सृष्टि से बेहतर होगी।

2-समावेशी विकास

  • देशभर में रसायन मुक्त, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • तिलहनो के आयात पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए तिलहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक योजनाएं चलाई जाएगी।
  • किसानों को डिजिटल और हाईटेक योजनाएं प्रदान करने के लिए public private partnership model के तहत एक योजना की शुरुआत की जाएगी। जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र व निजी क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संसाधनों एक साथ जोड़ा जाएगा।
  • कृषि फसलों का आकलन करने, भू दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा।
  • कीटनाशकों का छिड़काव करने और पोषक तत्वों के लिए किसान ड्रोन के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।

एमएसएमई

  • Emergency credit line guarantee scheme (ECLGS) (इसके तहत सरकार द्वारा कोविड-19 संकट को देखते हुए एमएसएमई को आपातकालीन ऋण सुविधाएं प्रदान की जाती है) इसके तहत 130 लाख से अधिक एमएसएमई अत्यधिक जरूरी ऋण प्रदान किए जाएंगे। जिससे इस महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से राहत मिलने में मदद मिलेगी।
  • Emergency credit line guarantee scheme (ECLGS) को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा जिससे इन सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की स्थिति बेहतर होगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

गुणवत्ताप्रद शिक्षा का सार्वभौमीकरण

इस महामारी से लगभग 2 वर्ष से हमारे स्कूल बंद पढ़े थे जिसे हमारी शिक्षा व्यवस्था काफी प्रभावित हुई विशेषकर वंचित वर्ग इसके सबसे ज्यादा भुक्तभोगी है। और अधिकतर ये बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं इस और उत्थानशील तंत्र तैयार करने के लिए PM-E विद्यालय के तहत 200 टीवी चैनलों की शुरुआत की जाएगी जिसको वन क्लास वन टीवी चैनल नाम दिया गया। इसके तहत सभी राज्यों के कक्षा 1 से कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए क्षेत्रीय भाषाओं तैयार किया जाएगा।

  • वर्ष 2022-2023 में विज्ञान और गणित में 750 वर्चुअल प्रयोगशालाओं और 75 स्किलिंग ई लैब्स की स्थापना की जाएगी।

डिजिटल विश्वविद्यालय

देशभर के विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्व सुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। यह विश्वविद्यालय विभिन्न भारतीय भाषाओं में होगा।

घर घर , नल जल

वर्ष 2022-2023 में 3.8 करोड़ परिवार को कवर करने के लिए 60 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

सभी के लिए आवास

वर्ष 2022-23 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 80 लाख मकान बनाए जाएंगे जिसके लिए 48,000 करोड रुपए का आवंटन किया गया है।

डिजिटल बैंकिंग

सरकार देश में डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट्स को प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंक यूनिट्स की स्थापना की जाएगी।

3-उत्पादकता , संवर्धन और निवेश, उद्यमिता अवसर ऊर्जा और संक्रमण तथा जलवायु पर कार्य

वृत्ताकार अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था में प्राकृतिक संसाधनों को खराब होने से बचाने पर विशेष जोर दिया जाएगा, जिसमें कि अपशिष्ट पदार्थों को उन्हें उपयोग में लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत उत्पादन बढ़ाने तथा नए व्यवसाय तथा रोजगार के लिए बड़े अवसर सृजित करने में सहायता करने की संभावनाएं है। इसमें 10 सेक्टरों जैसे इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट, वाहनों की अवधि समाप्ति, अपशिष्ट तेल और विषैले तथा घातक औद्योगिक अपशिष्ट के लिए कार्य योजनाएं तैयार की जाएगी।

स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन

सरकार व्यापक मात्रा में स्टार्टअप के लिए योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित करेगी। जिसे रोजगार एवं अर्थव्यवस्था में विकास की गति को ओर तेज किया जा सकता है।

ई पासपोर्ट

2022-23 में भावी प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके ई-पासपोर्ट जारी किया जाएगा। जिससे कि यहां के नागरिकों को अपनी विदेश की यात्रा करने में और अधिक सुविधा होगी।

रक्षा में आत्मनिर्भरता

सुरक्षाबलों के लिए उपकरणों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध प्रयास किए जाएंगे पूंजीगत खरीद बजट के लिए 2021-22 में 58% से बढ़ाकर 2022-23 में घरेलू उद्योगों के लिए 68% किया जाएगा।

4-निवेशकों का वित्तपोषण

सार्वजनिक पूंजी निवेश

महामारी के प्रभाव से बाहर निकलने के लिए सार्वजनिक व निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे रोजगार के अवसर सृजित होगे तथा बड़े उद्योगों और एमएसएमई से निर्मित उत्पादों की मांग बढ़ने में मदद मिलेगी।

डिजिटल रुपया

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को चालू करने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा। यह डिजिटल करेंसी भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा जारी किया जाएगा और इसकी शुरुआत 2022-23 में होनी है।

  • यदि कोई व्यवसाय करता है और उसे उस व्यवसाय से किसी कारणवश बाहर आना है या बंद करना है तो इसके लिए पहले यह प्रावधान था कि उसके लिए 2 वर्ष का लॉकिंग पीरियड था। इसके बाद ही वह इस व्यवसाय से बाहर आ सकता था। लेकिन अब इस लॉकिंग पीरियड को 6 महा कर दिया गया है। अब कोई भी व्यवसाय चलाने वाला व्यक्ति बड़ी ही आसानी से व्यवसाय को शुरू कर सकता है और यदि किसी कारणवश वह व्यवसाय को बंद करना चाहता है तो वह व्यवसाय को बड़ी ही आसानी से बंद भी कर सकता है। इस लॉकिंग पीरियड को कम करने से उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।

बजट 2022-2023 के प्राप्तियों और व्यय का विवरण

बजट पेश करते समय बजट में 3 तरह के वर्षों का विवरण दिया होता है। विगत वर्ष, चालू वर्ष, बजट वर्ष।

विगत वर्ष

विगत वर्ष वह वर्ष होता है जिस बजट का कार्यकाल पूर्ण हो चुका होता है। इस वर्ष के आंकड़े अंतिम तौर पर वास्तविक आंकड़े होते हैं।

 चालू वर्ष

चालू वर्ष वह वर्ष होता है जिस वर्ष का बजट कार्यकाल चल रहा होता है और इसी दौरान अगले बजट को भी पेश किया जाता है। चालू वर्ष के संशोधित अनुमान के आंकड़े उपलब्ध होते हैं।

बजट वर्ष

बजट वर्ष वह वर्ष होता है जिस वर्ष के लिए बजट पेश किया जाता है। बजट वर्ष के लिए बजट अनुमान के ही आंकड़े प्राप्त होते हैं।

प्राप्तियां

 प्राप्तियां सरकार की वह आय होती है जो सरकार को राजस्व प्राप्तियां और पूंजीगत प्राप्तियों के विभिन्न स्रोतों से साथ प्राप्त होती है। 2022-2023 के बजट में सरकार की कुल प्राप्तियों का अनुमान 39,44,909 करोड़ रुपए का है। जोकि कुछ निम्न प्रकार से है-

राजस्व प्राप्तियां

राजस्व प्राप्तियां सरकार की वह आय हैं जोकि करो के माध्यम से प्राप्त होती है, बजट 2022-23 में राजस्व प्राप्तियों का अनुमान 22,04,422 करोड़ का है। जोकि बढ़ते हुए क्रम में कुछ इस प्रकार है-

  • GST- 7,80,000 करोड़
  • निगम कर- 7,20,000 करोड़
  • आय कर- 7,00,000 करोड़
  • उत्पाद शुल्क- 3,35,000 करोड़
  • सीमा शुल्क- 2,13,000 करोड़
  • संघ राज्य क्षेत्र का कर- 7,820 करोड़
  • सेवा कर- 2,000 करोड़

पूंजीगत प्राप्तियां

पूंजीगत प्राप्तियां सरकार के आय का वह स्रोत है जो सरकार की पूंजी से प्राप्त होती है। वर्ष 2022-23 में पूंजीगत प्राप्तियों का अनुमान 17,40,487 करोड़ का है।जोकि बढ़ते हुए क्रम में निम्नलिखित प्रकार है-

  • बाजार उधार- 16,61,196 करोड़
  • विनिवेश और अन्य- 65,000 करोड़
  • ऋण की वसूली- 14,291 करोड़

व्यय

सरकार विभिन्न कार्य योजनाओं के माध्यम से व्यय करती है जो सरकार के पास कुल प्राप्तियां होती है उन्हें विभिन्न संदर्भों में खर्च करती है। मुख्यत  सरकार के व्यय, राजस्व व्यय और पूंजीगत व्यय होते हैं। 2022-2023 के बजट में सरकार की कुल व्यय का अनुमान 39,44,909 करोड़ रुपए का है। इस बजट में सरकार के व्यय के कुछ मुख्य प्रावधान निम्नलिखित है-

  • ब्याज व्यय- 9,40,651 करोड़
  • रक्षा- 3,85,537 करोड़
  • परिवहन- 3,51,851 करोड़
  • सब्सिडी व्यय- 3,17,866 करोड़
  • रेलवे- 2,34,640 करोड़
  • ग्रामीण विकास- 2,06,293 करोड़
  • कृषि- 1,51,521 करोड़
  • शिक्षा- 1,04,278 करोड़
  • स्वास्थ्य- 86,606 करोड

बजट 2022-2023 के पक्ष में तर्क

  • बजट 2022-2023 में उचित आर्थिक विकास का लक्ष्य रखा गया जोकि आर्थिक विकास की दर 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • इस बजट के तहत सोलर पावर को व्यापक स्थान दिया गया है जिसको लेकर उचित कारी योजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा।
  • बजट का बहुत बड़ा भाग पूंजीगत व्यय के अंतर्गत खर्च किया जाएगा। जिससे उत्पादकता एवं रोजगार का सृजन काफी व्यापक मात्रा में होगा।
  • इस बजट में निजी निवेशकों को काफी महत्व दिया गया जिसमें की सरकार PPP (private public partnership) मॉडल के तहत कार्य करेगी। इसमें निजी निवेशक को सरकार निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी और सरकार इसकी सहायता करेगी।

बजट 2022-2023 के विपक्ष में तर्क

  • इस बजट के तहत देश की बहुत बड़ी आबादी जोकि गरीबी से नीचे अपना जीवन यापन कर रही है उसके लिए कोई विशेष प्रकार की और राहत इस बजट में नहीं झलकती है।
  • 2022-2023 के बजट में महंगाई को कम करने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए गए हैं जबकि सब्सिडीओं में भी कमी की गई है जिससे कि वे वस्तुएं और महंगी होगी।
  • इस बजट के अंतर्गत आर्थिक विषमता को लेकर कोई दूरदृष्टिगामी प्रयास नहीं किए गए हैं। इस बजट में निजी निवेशकों को ही ज्यादा वरीयता दी गई है जिससे कि आर्थिक संसाधनों का असमान वितरण होगा जिससे विषमताएं ओर बढ़ेगी।
  • बजट 2022-2023 में ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे कि एक काल्पनिक बजट को हर एक लक्ष्यों को आत्मनिर्भर भारत के साथ जोड़ते हुए 25 वर्ष तक के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इससे ऐसा ही प्रतीत होता है कि यह लक्ष्य पूरी जिम्मेदारी के साथ पूर्ण नहीं किया जाएगा।

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